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धरी रह गई हाई अप्रोज, ED की छापेमारी में 78 लाख कैश और लग्जरी गाड़ियां हुईं बरामद, नाम सुन उड़ जाएंगे होश

ईडी की छापेमारी में 78 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और लग्जरी कारें बरामद हुई हैं।

  • कंपनी ने जून 2023 में राइट्स इश्यू के जरिए करीब 49.09 करोड़ रुपये जुटाए थे। लेकिन इस धनराशि का दुरुपयोग करते हुए शेयर की कीमतें कृत्रिम रूप से बढ़ाईं और निवेशकों को ठगा गया।

 

राजस्थान जयपुर डेबॉक इंडस्ट्रीज लिमिटेड घोटाला मामले में ED ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने छापेमारी में 78 लाख नकद और लग्ज़री गाड़ियां बरामद की है। इन गाड़ियों के नाम और इनकी कीमत सुनकर आप हैरान हो जाएंगे।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जयपुर जोनल टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत डेबॉक इंडस्ट्रीज लिमिटेड (DIL) घोटाले में राजस्थान के जयपुर और कोटा जिलों में कई ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी की छापेमारी में 78 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और ऐसी ऐसी लग्जरी कारें बरामद हुई हैं जिनका नाम और जिनकी कीमत सुनकर होश उड़ जाएंगे। बरामद कारों के नाम हैं- Rolls Royce Phantom, Bentley Mulsanne, Mercedes G-Wagon (Brabus) और Toyota Land Cruiser, ये चार गाड़ियां जब्त की गई हैं।

शिकायत के आधार पर हुई कार्रवाई

ईडी को यह भी पता चला कि कंपनी ने अपने निचले स्तर के कर्मचारियों को निदेशक बनाकर शेयर बाजार को गुमराह किया। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि निदेशकों ने फंड को विदेशों में भेजा और उसे रियल एस्टेट में निवेश किया। ईडी ने यह कार्रवाई कंपनी के चेयरमैन मुकेश महावर उर्फ मुकेश मनवीर सिंह और उनके सहयोगियों के आवास व कार्यालयों पर की। डेबॉक इंडस्ट्रीज एक एनएसई (NSE) सूचीबद्ध कंपनी है। ईडी की यह जांच राजस्थान पुलिस की एफआईआर और SEBI द्वारा दाखिल अभियोजन शिकायत के आधार पर शुरू की गई थी।

कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद

शिकायत में आरोप है कि कंपनी ने जून 2023 में राइट्स इश्यू के जरिए करीब 49.09 करोड़ रुपये जुटाए थे। लेकिन इस धनराशि का दुरुपयोग करते हुए शेयर की कीमतें कृत्रिम रूप से बढ़ाईं और निवेशकों को ठगा गया। जांच में यह भी सामने आया कि कंपनी ने फर्जी बैंक खाते दिखाए, झूठे लेनदेन दर्ज किए, राउंड ट्रिपिंग की और मुख्य एनएसई बोर्ड में प्रवेश कर राइट्स इश्यू के लिए ग़लत रास्ता अपनाया। इसके बाद जुटाई गई रकम को कारोबार में लगाने के बजाय प्रमोटर्स और उनके सहयोगियों ने निजी लाभ के लिए हड़प लिया। ईडी ने इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, बैंकिंग रिकॉर्ड और डिजिटल डिवाइस भी ज़ब्त किए हैं।

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