Blog
Trending

सेवा शिविर में उजागर हुई प्रशासनिक लापरवाही, बंदरों के आतंक से त्रस्त ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, अधिकारी नदारद।

पास में उप-तहसील, फिर भी अधिकारी गायब — सेवा शिविर बना मज़ाक

भाजपा पदाधिकारी बोले – पीएम चौकीदार, लेकिन अफसर बंद कर रहे आंखें।

विकाश अधिकारी नदारत बना चर्चा का विषय

ब्यूरो चीफ मनोज कुमार सोनी

सिकंदरा के सीमावर्ती क्षेत्र ईटका, छोकरवाड़ा, गांवों के लोगों ने सेवा शिविर में नायब तहसील दार को ज्ञापन सौंपा कर बताया कि, बंदरों के आतंक से बच्चों और बुजुर्गों की जान पर बड़ा संकट मंडरा रहा है। फिर भी प्रशासन मौन!सेवा पर्व पखवाड़ा के तहत चल रहे ग्रामीण सेवा शिविर में शनिवार जनता की वास्तविक समस्याएं खुलकर सामने आईं। ईटका, छोकरवाड़ा, के गांवों के ग्रामीणों ने सिकंदरा सेवा शिविर में पहुंचकर बंदरों के आतंक से राहत की मांग की।

लेकिन अफसोस की बात यह रही कि जब ग्रामीण अपनी पीड़ा सुनाने पहुंचे, तो शिविर में अधिकारी नदारद मिले न कोई जवाब, न कोई सुनवाई। लोगों का कहना था कि ये सेवा शिविर जनता की समस्या सुनने के लिए लगाए गए थे, लेकिन जब सुनने वाला ही मौजूद नहीं, तो फिर ये “सेवा” नहीं, “औपचारिकता” बनकर रह गए हैं।

ग्रामीणों ने अपने लिखित ज्ञापन में बताया कि ग्राम ईटका और आसपास के गांवों में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। बंदर बच्चों और बुजुर्गों को काट लेते हैं, घरों का सामान तोड़ते हैं, खेतों को नुकसान पहुंचाते हैं। स्थिति इतनी भयावह है कि लोग डर के साए में जी रहे हैं।”

ज्ञापन में ग्रामीणों ने अनुरोध किया है कि प्रशासन तत्काल कार्रवाई करे और वन विभाग द्वारा बंदरों को पकड़कर अन्यत्र भेजने की व्यवस्था की जाए। ज्ञापन सभी ग्रामवासियों की ओर से सौंपा गया है,

शिविर में अफसरों की गैरहाज़िरी पर गुस्सा ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि  पास ही उप-तहसील कार्यालय होने के बावजूद, न वीडीओ पहुंचे, न तहसीलदार, न वन विभाग के कोई अधिकारी।“हम अपनी समस्या लेकर आए, लेकिन वहां केवल बैनर और कुर्सियाँ दिखीं, अधिकारी नहीं।”

भाजपा मंडल पदाधिकारी अमित ईटका ने भी शिविर में अफसरों की अनुपस्थिति पर नाराज़गी जताई।

और कहा — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय अधिकारी सरकार के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।”सेवा शिविर का उद्देश्य जनता को राहत देना है, न कि खानापूर्ति करना।” ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन मामले को गंभीरता से लेकर बंदरों को तत्काल पकड़कर दूसरी जगह छोड़ा जाए।

जनता की नाराज़गी, प्रशासन पर सवाल

ग्रामीणों ने कहा कि अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे जिला कलेक्टर को सामूहिक ज्ञापन सौंपेंगे और धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। जनता ने यह भी चेतावनी दी कि “सेवा शिविर अगर जनता की सेवा नहीं कर सकते, तो इनका कोई औचित्य नहीं।”

Related Articles

Back to top button