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आखिर क्यों धर्मनगरी में सिस्टम फेल,खाटूश्यामजी में श्रद्धालुओं पर फिर हमला। कब थमेगा अपराध सिलसिला।

खाटूश्यामजी में श्रद्धालुओं पर फिर हमला,रींगस में ऑटो ड्राइवर ने महिला को मारे थप्पड़_गाल सूजकर हुआ लाल, महिला घायल।

 

70 लाख लोगों का भरोसा
राजस्थान जयपुर\सीकर राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों से एक बार फिर शर्मशार करने करने वाली घटना सामने आई है। जिसमें एक ऑटो संचालक ने महिला के बदसलूकी करते हुए हाथापाई की और फिर जमकर थप्पड़ बरसाए जिससे महिला के महिला के मान सम्मान को गहरी ठेस पहुंची है। लगातार श्रद्धालुओं पर होने वाली ऐसी घटनाओं से लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।और आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास भी कम होता जा रहा है। आप को बता दे कि अल्प समय में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सामने आई हैं। जहां पहले मेहंदीपुर बालाजी और अब खाटूश्याम जी जैसे पवित्र स्थलों पर श्रद्धालुओं के साथ मारपीट हुई है।
जिले के खाटू श्यामजी धाम में देश भर से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और रींगस रेलवे स्टेशन इस यात्रा का प्रमुख पड़ाव होता है।यहां से श्रद्धालु सरकारी एवं निजी वाहनों के जरिये खाटूधाम पहुंचते हैं।ऐसे में आए दिन वाहन चालकों और दुकानदारों द्वारा श्रद्धालुओं से बदसलूकी और मारपीट की घटनाएं सामने आना चिंताजनक है।
धार्मिक स्थलों श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कुछ दिन पहले खाटू श्याम जी में दुकानदारों द्वारा श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की घटना थमी नहीं थी कि अब एक नया मामला सामने आ गया है। ताजा मामला रींगस से सामने आया है, जहां चित्तौड़गढ़ से आई महिलाओं के साथ एक वाहन ऑटो चालक ने छोटे बच्चे के किराए को लेकर पहले बदतमीजी की फिर देखते ही देखते महिला के साथ मारपीट पर उतारू हो गया और जमकर थप्पड़ बरसाए।यह घटना उस समय हुई जब महिलाएं दर्शन के बाद रींगस रेलवे स्टेशन लौट रही थीं। बताया जा रहा है कि तीन साल के बच्चे के किराए को लेकर शुरू हुए विवाद ने कुछ ही समय में स्थिति बदल गई और हिंसक रूप ले लिया।

 सीमा और शबनम ने बताई आपबीत।

चित्तौड़गढ़ से आई सीमा और शबनम अपनी सहेलियों और बच्चों के साथ सोमवार रात खाटू श्यामजी दर्शन के लिए आई थीं। दर्शन के बाद मंगलवार सुबह वे निजी वाहन से रींगस रेलवे स्टेशन जा रही थीं, तभी वाहन चालक ने छोटे बच्चे के किराए को लेकर विवाद शुरू कर दिया बात इतनी बढ़ गई कि चालक ने महिला को 5 से 7 थप्पड़ मार दिए जिससे उसका मुंह सूज गया और वह घायल हो गई। इसके बाद महिलाओं ने भी आत्मरक्षा में चालक की पिटाई की और 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी।

सरकार से महिलाओं ने कहा- हमें न्याय चाहिए।

सूचना पर सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन तब तक वाहन चालक वाहन लेकर फरार हो चुका था।पीड़ित महिलाओं ने कहा कि आज उनके साथ हुआ है, कल किसी और के साथ हो सकता है।उन्होंने प्रशासन से न्याय की मांग की और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए।
घटनास्थल पर काफी देर तक हंगामा चलता रहा। लोगों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान सरकार अगर धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालु की सुरक्षा नहीं कर सकती है तो सरकार को श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए करोड़ों रुपए का चढ़ावा लेने का भी उसे कोई अधिकार नहीं है। दिन प्रतिदिन धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की घटना ने देश को झंझोर का रख दिया है।

श्रद्धालुओं के साथ बदसलूकी की घटनाएं चिंता का विषय।

गौरतलब है कि खाटू श्यामजी धाम देशभर से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और रींगस रेलवे स्टेशन इस यात्रा का प्रमुख पड़ाव होता है। यहां से श्रद्धालु निजी वाहनों के जरिये खाटूधाम पहुंचते हैं। ऐसे में आए दिन वाहन चालकों और दुकानदारों द्वारा श्रद्धालुओं से बदसलूकी और मारपीट की घटनाएं सामने आना चिंताजनक है।

दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं

लगातार श्रद्धालुओं के साथ मारपीट हमले की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सामने आना प्रशासन पर भी गहरे दाग छोड़ती है। कुछ समय पहले जहां मेहंदीपुर बालाजी और अब खाटूश्याम जी जैसे पवित्र स्थलों पर श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की गंभीर अपराध करने वालों ने मानो शासन को खुली चुनौती दे’दी”हो।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में मारपीट।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में सुरक्षा गार्डों ने श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने तीन गार्डों को गिरफ्तार किया। घायलों में एक बच्चे का सिर फूट गया और कई लोगों को चोटें आईं। पीड़ितों का आरोप है कि गार्डों ने उनके साथ मारपीट की और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया।इन घटनाओं से पूरे प्रदेश में श्रद्धालुओं में गहराआक्रोश है।

 मंदिर प्रशासन पर सवाल ।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर ट्रस्ट पर आरोप है कि उन्होंने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की और मारपीट के बाद घायलों को अस्पताल तक नहीं पहुंचाया।

भारत सरकार एवं राज्य सरकार को मंदिरों से करोड़ों मुनाफा होता हैं।

भारत सरकार ने धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। लेकिन धरातल पल सरकार की योजनाओं की जम कर धज्जियां उड़ती दिखाई दे रही।

 

केंद्र सरकार प्रसाद योजना

केंद्र सरकार ने 2014-2015 में ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन अभियान’ (प्रसाद) योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए तीर्थ स्थलों का विकास करना है। इस योजना के तहत, सरकार तीर्थ स्थलों के समग्र विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिसमें बुनियादी ढांचे के विकास, सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाओं का उन्नयन शामिल है।-

राज्य सरकारों की पहल

कुछ राज्य सरकारों ने भी धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने धार्मिक स्थलों के बेहतर संचालन के लिए कानून बनाने की योजना बनाई है, जिसमें धार्मिक स्थलों का रजिस्ट्रेशन और संचालन समितियों के लिए नियम बनाए गए हैं।

भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपाय

धार्मिक आयोजनों में भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए । इसमें सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, सुरक्षा गार्डों की तैनाती और आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था शामिल है, लेकिन आजकल श्रद्धालुओं लगातार बढ़ते मारपीट की घटनाओं ने इसे सिस्टम पर सवाल खड़े दिए है।

पर्यटन मंत्रालय की भूमिका*: पर्यटन मंत्रालय भी धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और तीर्थ स्थलों के विकास के लिए काम कर रहा है। मंत्रालय ने विभिन्न योजनाओं के तहत तीर्थ स्थलों के विकास और सुरक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है।

लेकिन राजस्थान में इन पहलों के माध्यम से, सरकार धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके अनुभव को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है।

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