आयुर्वेद ने किया असंभव को संभव,नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी ने जीती कैंसर से जंग: डॉक्टर बोले थे नामुमकिन, आयुर्वेद फॉलो कर ठीक किया कैंसर….?
सिद्धू ने बताया, 'कैंसर में खाने के समय में गैप रखें, मीठा न खाएं, कार्बोहाइट न खाएं तो कैंसर सेल्स अपने आप मरने लगते हैं। शाम 6 बजे तक खाना खा लें और अगले दिन 10 बजे नींबू पानी पीकर दिन की शुरुआत करें। इसके बाद 10- 12 नींम के पत्ते चबाकर खाएं'

नवजोत सिंह सिद्धू का दावा, नींबू पानी, कच्ची हल्दी और नीम के पत्तों से ठीक किया स्टेज-4 कैंसर, डॉक्टरों ने कर दिए थे हाथ खड़े।
- नींबू पानी और कच्ची हल्दी: सुबह दिन की शुरुआत नींबू पानी और कच्ची हल्दी से की।
- नीम के पत्ते: हर सुबह खाली पेट 10-12 नीम के पत्ते खाए।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स: नारियल तेल, कोल्ड-प्रेस्ड तेल और बादाम का तेल खाना पकाने में इस्तेमाल किया।
- खट्टे फल और जूस: अनार, आंवला, चुकंदर, कद्दू और अखरोट नियमित डाइट का हिस्सा बने।
- मसालेदार चाय: सुबह की चाय में दालचीनी, लौंग, गुड़ और इलायची शामिल थीं।
- डाइट का असर: कैंसर और फैटी लिवर को दूर करने का रामबाण
नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को स्टेज-4 इनवेसिव कैंसर का पता चला था. डॉक्टरों ने उनके बचने की संभावना केवल 3 प्रतिशत बताई थी. लेकिन उन्होंने कभी उम्मीद नहीं खोई और कैंसर का बहादुरी से सामना किया.
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने गुरुवार को घोषणा की कि उनकी पत्नी, पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू कैंसर फ्री हो चुकी हैं. सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी का पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) स्कैन किया गया, जिससे पता चला कि अब वह कैंसर फ्री हैं. अमृतसर स्थित अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने स्टेज 4 कैंसर को लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव कर मात दे दी है. नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया कि, सिर्फ डाइट में कुछ चीजों को शामिल करके उनकी पत्नी ने 40 दिन में कैंसर को मात दे दी.
कैंसर को लेकर डर और निराशा आम बात है, लेकिन पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने स्टेज-4 कैंसर को मात देकर एक मिसाल कायम की है। सिद्धू ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह खुशखबरी साझा की कि उनकी पत्नी अब पूरी तरह कैंसर मुक्त हैं।
यह उपलब्धि सिर्फ मेडिकल ट्रीटमेंट से नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल में बदलाव और हेल्दी डाइट से हासिल हुई है।
3% बचने की संभावना, लेकिन हिम्मत नहीं हारी
नवजोत कौर को स्टेज-4 इनवेसिव कैंसर का पता चला था। डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को गंभीर बताते हुए केवल 3% बचने की संभावना जताई थी। इसके बावजूद, उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि उनकी पत्नी ने सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाया और अपने अनुशासन और दृढ़ संकल्प से बीमारी को हराया।
नवजोत कौर को स्टेज-4 इनवेसिव कैंसर का पता चला था और उन्हें “दुर्लभतम मेटास्टेसिस” के लिए ब्रेस्ट सर्जरी करानी पड़ी थी. नवजोत कौर, जो एक साल से ज्यादा समय से कैंसर से जूझ रही थीं, ने दृढ़ संकल्प के साथ बीमारी का सामना किया. सिद्धू ने याद किया कि कैसे डॉक्टरों ने उनके इलाज की तीसरी स्टेज के दौरान शुरुआत में बहुत कम उम्मीद जताई थी. उन्होंने कहा, “हमारे बेटे की शादी के बाद उनका कैंसर फिर से वापस आ गया, जिस पर उन्होंने जोर दिया क्योंकि उन्हें अपने बचने पर संदेह था, लेकिन उन्होंने कभी उम्मीद नहीं खोई और कैंसर का बहादुरी से सामना किया.”सिद्धू ने बताया कि उनकी पत्नी ने अपना ज्यादातर इलाज सरकारी अस्पतालों में करवाया, जिसमें पटियाला में सरकारी राजेंद्र मेडिकल कॉलेज भी शामिल है. उन्होंने जोर देकर कहा, “उन्होंने कैंसर को इसलिए नहीं हराया क्योंकि हमारे पास पैसे थे, बल्कि इसलिए क्योंकि वह अनुशासित थीं और स्ट्रिक्ट रूटीन फॉलो करती थीं. सरकारी अस्पतालों में भी कैंसर का प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है.
सिद्धू ने बताया कि कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए खाने और उपवास का सही तालमेल जरूरी है। उन्होंने कहा, “शुगर और कार्बोहाइड्रेट से दूरी बनाकर कैंसर सेल्स को भूखा मारा जा सकता है।” शाम को 6 बजे तक खाना खाकर रात भर का उपवास और अगले दिन नींबू पानी से शुरुआत करना उनके रूटीन का अहम हिस्सा था।