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शिक्षाविद एवं अध्यापकों का होगा सम्मान: बाल सखा परिवार का कल होगा स्नेह मिलन समारोह।

बाल सखा परिवार: एक भावनात्मक बंधन।

स्नेह मिलन समारोह,कार्यक्रम की विशेषता

कार्यक्रम में 25-30 वर्ष पूर्व अध्ययन करने वाले बाल सखा छात्र आपस में मिलेंगे और एक दूसरे के साथ समय बिताएंगे।

दौसा सिकराय बचपन के दिनों में बनाए गए दोस्ती के बंधन अक्सर जीवन भर साथ रहते हैं। बाल सखा परिवार ऐसे ही एक बंधन का नाम है, यह परिवार न केवल एक संगठन, बल्कि एक भावनात्मक बंधन है
बाल सखा परिवार की और से राजकीय सीनियर सेकंडरी विद्यालय सिकराय में 25-30 वर्ष पूर्व अध्ययन करने वाले छात्रों का एक ग्रुप, जो अब एक परिवार का रूप ले चुका है, का स्नेह मिलन समारोह कल रविवार को सुबह 10:00 बजे से आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में तत्कालीन व्याख्याताओं का भी सम्मान किया जाएगा।
जिसमें बहुत से मेघावी छात्र राजस्थान ही नहीं भारत के अन्य राज्यों में आईएएस,आई पी एस,आई आर एस,आई ई एस,आर एस,आरपीएस, विकास अधिकारी, तहसीलदार, सहित विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं के साथ चिकित्सा, मीडिया, शिक्षा ,अधिवक्ता ,किसान सहित अन्य क्षेत्रों से जुड़े सहपाठी छात्र शामिल होंगे  30 वर्ष पूर्व अध्यनरत छात्रों द्वारा बनाए गए संगठन मे विद्यालय परिवार से जुड़े किसी भी छात्र एवं परिवार के  सुख-दुख समस्या एवं परेशानियों में एक दूसरे का सहयोग एवं मानवीय संवेदनाओं को देखते हुए समर्पण आत्मीयता सहयोग  व जुड़ाव की भावना के चलते यह यह तृतीय सम्मेलन आयोजित हो रहा है  साथ ही क्षेत्र में किसी परिस्थिति जन्य परिवार, असहाय, अनाथ, व अन्य सामाजिक सेवा में अपना सहयोग मुहिया करता है
कार्यक्रम सिकराय के एक निजी मैरिज गार्डन में आयोजित होगा जिसको लेकर तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है कार्यक्रम को लेकर विद्यालय प्रशासन एवं विभिन्न संगठन धर्माचार्य समाजसेवी संगठन विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी उद्योगपति जनप्रतिनिधि  क्षेत्र के लोगों ने इस पहल एवं परंपरा की सराहना की है।
बाल सखा परिवार की नींव कई वर्ष पूर्व रखी गई थी, जो अब हाईटैक तकनीकी के सद्पयोग से व्हाट्स ग्रुप के माध्य से प्रतिदिन अपने जीवन के अनुभव साझा करते थे। इन दिनों में बने भावनात्मक जुड़ाव ने उन्हें एक परिवार में बदल दिया है, जो आज भी एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं।

 

एक परिवार की भावना

बाल सखा परिवार एक परिवार की भावना को बढ़ावा देता है, जो छात्रों को एक दूसरे के साथ जोड़ता है और उन्हें एक दूसरे के प्रति जिम्मेदार बनाता है। यह परिवार सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को भी बढ़ावा देता है, जो छात्रों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने और निभाने के लिए प्रेरित करता है।

भावनात्मक महत्व

बाल सखा परिवार का भावनात्मक महत्व बहुत अधिक है। यह परिवार छात्रों को एक दूसरे के साथ जुड़ने और एक दूसरे का समर्थन करने के लिए प्रेरित करता है। यह परिवार छात्रों को जीवन के उतार-चढ़ाव में साथ रहने और एक दूसरे की मदद करने के लिए भी प्रेरित करता है।
बाल सखा परिवार एक भावनात्मक बंधन है जो छात्रों को एक दूसरे के साथ जोड़ता है। यह परिवार न केवल एक संगठन है, बल्कि एक भावनात्मक बंधन है जो छात्रों को जीवन भर साथ रखता है। इस परिवार की भावना और महत्व को समझने और इसे बढ़ावा देने के लिए हमें प्रयास करना चाहिए।

स्नेह मिलन समारोह,कार्यक्रम की विशेषता

कार्यक्रम में 25-30 वर्ष पूर्व अध्ययन करने वाले छात्र आपस में मिलेंगे और एक दूसरे के साथ समय बिताएंगे।

तत्कालीन व्याख्याताओं का सम्मान

कार्यक्रम में विद्यालय के तत्कालीन व्याख्याताओं का सम्मान किया जाएगा, जिन्होंने छात्रों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

  विभिन्न क्षेत्रों से बाल सखा परिवार के  सहपाठी साथ हैं।

कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, आईईएस, आरपीएस, विकास अधिकारी, तहसीलदार, चिकित्सा, मीडिया, सुरक्षा, शिक्षा, अधिवक्ता, किसान आदि से जुड़े सहपाठी छात्र शामिल होंगे।

सामाजिक सेवा

कार्यक्रम में सामाजिक सेवा के कार्यों पर भी चर्चा की जाएगी और क्षेत्र में किसी परिस्थिति जन्य परिवार, असहाय, अनाथ, व अन्य सामाजिक सेवा में अपना सहयोग देने के लिए चर्चा की जाएगी।
 विद्यालय प्रशासन और विभिन्न संगठनों का सहयोग
कार्यक्रम को लेकर विद्यालय प्रशासन और विभिन्न संगठनों ने सहयोग किया है और इस पहल एवं परंपरा की सराहना की है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और कल रविवार को सुबह 10:00 बजे से कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

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