राष्ट्रीय पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण मंच: बना जनता की उम्मीदों का संगठन, पर्यावरण बचाने का संकल्प, विकास संग संतुलन का प्रयास।
राष्ट्रीय पर्यावरण मंच ने दी कसाना को बड़ी जिम्मेदारी — बोले, विकास और संरक्षण दोनों जरूरी!

हाइलाइट्स
🔹 सरकार के साथ मिलकर समाधान तलाशेंगे, भाजपा विरोध नहीं, सुधार की राह पर चलती हैं
4 तारीख जिला दौसा में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालेंगे मुल्कराज कसाना
“पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और सड़क पर खड़े वाहनों से बढ़ रही दुर्घटनाएं — अब वक्त ठोस नीति का है”
दौसा/सिकंदरा। राष्ट्रीय पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण मंच एक राष्ट्रीय स्तर का संगठन जो देशभर में पर्यावरण संरक्षण और खनिज संसाधनों के संतुलित उपयोग के लिए कार्यरत है, अब दौसा जिले में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाने जा रहा है। संगठन ने अपने जिला कार्यकारिणी का गठन करते हुए मुल्कराज कसाना को जिला उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी नारायण आमेटा के नेतृत्व में यह मंच देश के प्रत्येक जिले में पर्यावरणीय जागरूकता को जन-जन तक पहुंचाने के मिशन पर कार्य कर रहा है। मंच का उद्देश्य है कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी नीति न रहे, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी बने।मुल्कराज कसाना ने कहा “अब वक्त है ठोस कदम उठाने का” जिम्मेदारी संभालने के बाद जिला उपाध्यक्ष मुल्कराज कसाना ने कहा कि सिकंदरा क्षेत्र में हाल के वर्षों में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरणीय असंतुलन तेजी से बढ़ रहा है। हरियाली कम होने से जलस्तर गिर रहा है, तापमान में वृद्धि हो रही है और प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार इस गंभीर विषय पर सजग हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर भी ठोस कार्ययोजना जरूरी है ताकि धरातल पर इसका असर दिखे।
सड़क पर आड़े टेडे खड़े ट्रैक्टर ट्राली ट्रकों से खतरा कसाना ने चिंता जताते हुए कहा कि सिकंदरा क्षेत्र में लकड़ी मंडियों के पास सड़कों पर ट्रकों की लंबी कतारें लगी रहती हैं, जिससे आमजन को परेशानी होती है और हाइवे पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
उन्होंने प्रशासन से अपील की कि लकड़ी मंडियों का संचालन सुनियोजित ढंग से हो, वाहनों की पार्किंग के लिए अलग व्यवस्था की जाए ताकि ट्रैफिक जाम और हादसों की घटनाएं रोकी जा सकें। कसाना ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार या संगठन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है। मंच अब गांव-गांव जाकर पेड़ लगाओ, जीवन बचाओ अभियान चलाएगा। विद्यालयों, पंचायतों और सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर जागरूकता रैलियां और जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
पार्टी की नीति और संगठन की भावना के साथ जनता के बीच
भाजपा के सिद्धांतों पर चलते हुए मुल्कराज कसाना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए “लाइफ मिशन (Lifestyle for Environment)” से प्रेरणा लेकर मंच जन-जन को जोड़ने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार विकास और पर्यावरण दोनों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है। हमारा लक्ष्य है कि अगली पीढ़ियों को हरा-भरा भारत मिले।”
कसाना ने कहा कि मंच न तो विरोध के लिए बना है, न ही केवल चर्चा के लिए, बल्कि समाधान खोजने वाला मंच है। पर्यावरणीय समस्याओं पर सरकार को सुझाव देना, योजनाओं को क्रियान्वयन तक पहुंचाना और जनता को जोड़ना ही इसका मुख्य उद्देश्य है।
संतुलित विकास की दिशा में कदम
उन्होंने कहा कि खनिज संसाधनों का अंधाधुंध दोहन भी पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है। मंच इस दिशा में टिकाऊ नीतियों की मांग करेगा और सरकार के साथ मिलकर ऐसी व्यवस्था तैयार करने का प्रयास करेगा जिससे विकास और संरक्षण दोनों साथ-साथ चलें।
पार्टी की गरिमा, जनता का विश्वास
मुल्कराज कसाना ने कहा, “हमारी कोशिश रहेगी कि सरकार की नीतियों का संदेश जनता तक पहुंचे, और जनता की समस्याएं सरकार तक।”उन्होंने पार्टी की नीतियों पर भरोसा जताते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने हर स्तर पर “स्वच्छ भारत”, “हरित भारत” और “पर्यावरण सुरक्षा” जैसे अभियानों को आगे बढ़ाया है।संगठन जल्द ही सिकंदरा क्षेत्र में वृक्षारोपण अभियान, युवा पर्यावरण सम्मेलन, और सड़क सुरक्षा जनजागरण रैली आयोजित करेगा। मंच प्रशासन से मिलकर वाहनों की पार्किंग व्यवस्था पर ठोस प्रस्ताव भी रखेगा।
राष्ट्रीय पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण मंच अब दौसा जिले में सक्रिय हो चुका है। उपाध्यक्ष मुल्कराज कसाना के नेतृत्व में यह संगठन न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करेगा बल्कि समाज को विकास और हरियाली दोनों का संतुलित भविष्य देने के लिए जागरूक भी करेगा।सरकार की योजनाओं के साथ जनता की भागीदारी ही सच्चे अर्थों में “विकसित और हरित भारत” का सपना साकार करेगी।