संस्कार, सादगी और समर्पण की प्रतिमूर्ति रहे मुरारीलाल शर्मा,जिस स्कूल में नियुक्ति,उसी स्कूल से हुई सेवानिवृत्ति।
ग्रामीणों ने कहा आज भले ही औपचारिक रूप से सेवानिवृत्त हुए हों, लेकिन वे हमेशा बिन्दरवाडा और कैलाई गांव के दिलों में जीवित रहेंगे।

बींदरवाडा ग्रामवासियों ने 101मीटर व दो 52मीटर के साफे व चांदी के मुकुट से से सम्मानित किया गया।
लगातार एक ही स्कूल में दी 40वर्षीय राजकीय सेवा।
दौसा सिकंदरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बिन्दरवाडा में गुरुवार को एक ऐतिहासिक और भावुक क्षण उस समय देखने को मिला जब संस्कृत विषय के वरिष्ठ शिक्षक मुरारीलाल शर्मा के सेवानिवृत्त होने पर पूरे विद्यालय परिवार और ग्रामवासियों ने मिलकर उन्हें भव्य और भावभीनी विदाई दी। शिक्षक के प्रति गाँव के लोगों का स्नेह, सम्मान और आत्मीय जुड़ाव कार्यक्रम की हर एक रेखा में झलकता रहा।
जिस स्कूल में प्रथम नियुक्ति से लेकर सेवानिवृत्ति तक एक ही विद्यालय हो तो ये संयोग ही कहा जा सकता है क्योंकि पदोन्नति, ट्रांसफर आदि के नाम पर विद्यालय बदल जाता है, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बींदरवाडा में वरिष्ठ अध्यापक संस्कृत विषय के पद पर कार्यरत मुरारीलाल शर्मा के 7 अगस्त को बींदरवाडा ग्राम में सेवानिवृत्ति समारोह में ग्रामवासियों, बच्चों , महिलाओं ने बिछाएं पलक पावड़े!तीन-तीन पीढ़ियों ने मुरारीलाल का स्वागत किया गया।
ग्रामवासियों का सेवानिवृत्ति समारोह में उमड़ा हुजूम।कैलाई निवासी मुरारी लाल शर्मा ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रथम नियुक्ति 9 सितम्बर 1985 को हुई जिस समय यह विद्यालय उच्च प्राथमिक स्तर पर था और जिला जयपुर लगता था। सेवानिवृत्त 31जुलाई 2025 को हो गये।
एक विशेष बात और है कि एक ही विद्यालय में 40वर्ष सेवा देने पर अनेक परिवारों की तीन-तीन पीढ़ियों को मुरारीलाल शर्मा ने पढ़ाया और उन तीन पीढ़ियों ने ही सेवानिवृत्ति समारोह में चार चांद लगाये। मुरारीलाल शर्मा ने 1985 से लेकर 2025 तक घर-घर जाकर नामांकन बढ़ाने में, विद्यालय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी आज सेवानिवृत्ति के समय उच्च माध्यमिक स्तर पर विद्यालय संचालित है।
मुरारीलाल शर्मा के पास शिक्षण कार्य के अलावा कार्यालय प्रभारी, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी,उत्सव प्रभारी,SDMC सचिव सहित अनेक जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाई। कक्षा 10वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम भी लगातार 5वर्ष तक 100% रहा। ऐसे गुरूजी बहुत कम होते हैं इतना कुछ करने के बाद भी वरिष्ठ अध्यापक मुरारीलाल शर्मा को तहसील स्तर तक प्रशासन ने सम्मानित नहीं किया गया।
जबकि शिक्षा विभाग ने सम्मानित के लिए प्रशंसा जरूर की थी।31जुलाई 2025 को अंतिम कार्य दिवस पर भी पूरा गांव ,स्कूल के बच्चे, महिलाएं बींदरवाडा से कैलाई तक मुरारीलाल शर्मा को घोड़ी पर बैठाकर डीजे,बाजे व आतिशबाजी के साथ सभी नाचते गाते पैदल ही कैलाई छोड़कर आएं थे।बींदरवाडा से लेकर कैलाई तक सैकड़ों जगह मुरारीलाल शर्मा का साफा और माला पहनाकर स्वागत किया।7अगस्त को मुरारीलाल शर्मा की तरफ से पूरे बींदरवाडा गांव को भोजन प्रसादी कराई गई।